आपने संजीवनी बूटी लाकर लक्षमण जी के प्राण बचाये, हर्षित होकर श्री रघुवीर ने आपको हृदय से लगा लिया। इनके जन्म के पश्चात् एक दिन इनकी माता फल लाने के लिये इन्हें आश्रम में छोड़कर चली गईं। जब शिशु हनुमान को भूख लगी तो वे उगते हुये सूर्य को https://patla-hone-ke-liye-kya-kh74062.madmouseblog.com/481509/details-fiction-and-hanuman-chalisa-gulshan-kumar